Meenakumari Ki Shayari (Hindi) Paperback – Jan 2012
प्रसिद्ध अभिनेत्री मीना कुमारी की 250 निजी डायरियों में से चुनी हुई नज़म, गज़ल, कतओं और शे’रों का एकमात्र संग्रह जिसका सम्पादन फिल्म लेखक और निर्देशक गुलज़ार ने विशेष रूप से किया है। दिल में फिर दर्द उठा फिर कोई भूली हुई याद छेडती आई पुरानी बात दिल को डंसने लगी गुजरी हुई जालीम रात दिल में फिर दर्द उठा फिर कोई भूली हुई याद बन के नश्तर रंगे अहसास में उतरी ऐसे मौत ने ले के मेरा नाम पुकारा जैसे मीना कुमारी और गुलज़ार के रिश्ते भावनाओं से भरे हुए हैं। मीना ने मौत से पहले अपनी तमाम डायरी और शायरी की कापियां गुलज़ार को सौंप दी थीं। गुलज़ार ने उन्हें संपादित किया, जो अब पुस्तक के रूप में आपके हाथों में है। मीना-गुलज़ार की भेंट फिल्म ‘बेनज़ीर’ के सेट पर हुई थी। बिमल राय निर्देशक थे और गुलज़ार उनके सहायक थे। शाॅट रेडी होने पर स्टार को कैमरे तक लाने के जिम्मेदारी उनकी थी। यहीं से दोस्ती में अपनापन पनपता चला गया। बाद में गुलज़ार जब स्वतंत्र फिल्म निर्देशक बने तो फिल्म ‘मेरे अपने’ की मुख्य भूमिका गुलज़ार ने मीना को सौंपी। 1972 में मीना चल बसीं। ‘मेरे अपने’ कुछ समय बाद प्रदर्शित हुई और गुलज़ार स्वतंत्र निर्देशक बन गए। आज भी गुलज़ार के आॅफिस में दीवार पर ट्रेजेडी क्वीन मीना कुमारी का चित्र बोलता-सा नज़र आता है।
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